Thursday, September 19, 2024

MP Weather: ग्वालियर चंबल संभाग में बेमौसम बारिश से फसल हुई बर्बाद, अगले 24 घंटे किसानों के लिए अहम

भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में पिछले दो दिनों से बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बनी हुई है। बीती रात ग्वालियर चंबल अंचल के कई इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे और किसानों के खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है, तो वहीं शनिवार सुबह ही दतिया जिले के कुछ इलाकों में मूसलाधार ओलावृष्टि से खेत और सड़कों पर सफेद चादर सी बिछ गई। साथ ही किसानों के खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।

50 से अधिक गांव में हुई ओलावृष्टि

जानकारी के मुताबिक जिले के बसई इलाके में 50 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां पर 20 से 25 मिनट तक जमकर ओले बरसे। वही तेज बारिश के साथ आंधी भी चली, जिससे गेहूं की फसल को काफी हद तक नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि की वजह से खेत में तैयार खड़ी गेहूं की फसल की बालियां झड़ गई. बताया जा रहा है कि इस ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसल को लगभग 70 से 90 प्रतिशत का नुकसान हुआ है।

मौसम वैज्ञानिक उपाध्याय ने क्या कहा?

मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसके उपाध्याय ने जानकारी देते हुए कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से ग्वालियर चंबल अंचल के मौसम में काफी परिवर्तन देखने को मिला है. यही वजह है कि बीती रात आंधी के साथ बारिश हुई. वही कुछ इलाकों में तो ओलावृष्टि भी हुई है. बारिश और ओलावृष्टि के कारण मौसम ठंडा हो गया है. उन्होंने कहा कि बारिश की संभावना अभी भी है. आगे उन्होंने कहा कि ग्वालियर चंबल अंचल के लिए अगले 24 घंटे बहुत अहम है, क्योंकि इन 24 घंटों में बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि की भी उम्मीद है। जिस कारण किसान बहुत परेशान है. क्योंकि इस समय किसानों के खेतों में सरसों, गेहूं और चना की फसल खड़ी हुई है और लगभग पकने की स्थिति में है।

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ए के सिंह ने क्या कहा?

इसके साथ ही जिले के भांडेर क्षेत्र में भी जमकर ओलावृष्टि हुई, जिससे एक दर्जन से अधिक गांव पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ए के सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि जिले के आधा सैकड़ा से अधिक ऐसे गांव हैं जहां पर ओलावृष्टि की वजह से सबसे ज्यादा गेहूं और सरसों की फसल को हानि हुई है। ओलावृष्टि की गति इतनी तेज थी कि उसने गेहूं और सरसों की बालियों को पूरी तरह तोड़ दिया है। वहीं, जिले के किसान महाराज सिंह राजपूत और विनीत ने कहा कि इलाके में जहां पर ओलावृष्टि हुई है वहां फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. लगभग 90 फीसदी फसलों में बर्बादी का मंजर देखा जा रहा है।

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