Sunday, November 10, 2024

MP News: बागेश्वर सरकार के बिहार में आक्रामक बयान को लेकर उठ रहे सवाल, पढ़िए पूरी खबर

भोपाल। जनता के मन में सवाल आ रहे हैं कि क्या बाबा धीरेंद्र शास्त्री एमपी के ‘योगी आदित्यनाथ’ साबित होंगे? ऐसा इसलिए कि संतों की एक अलग दुनिया होती है। जहां सांसारिकता से दूर मानवमात्र का कल्याण एक मात्र उद्देश्य होता है। राजनीति, इच्छा, लोभ, माया, वैभव और प्रदर्शन से दूर इनकी अलग दुनिया होती है। मगर बागेश्वर धाम सरकार यानी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री तो पूरी तरह से धार्मिक-राजनीतिक पैकेज लगे। इनका बिहार आगमन आमजनों के लिए कितना हितकारी रहा, यह तो पता नहीं, लेकिन भाजपा और उनकी नीतियों को एक फलक जरूर मिला। अंधाधुंध जुटी भीड़, जिसे बाबा ‘पगलाई गए क्या’ कहा गया. बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने भाजपा के हिंदू राष्ट्र का भरपूर प्रमोशन किया, वो भी काफी आक्रामक लहजे में।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान में झलकी कट्टरता

सनातन धर्म के प्रति बाबा की आक्रामक शैली की वजह से राजनीतिक जगत में ये चर्चा अभी परवान पर है कि ‘बाबा’ भाजपा के ब्रांड एम्बेसडर तो नहीं! बाबा के बोल में ऐसे-ऐसे शब्दों का प्रयोग हुआ, जिससे सनातन धर्म की कट्टरता ही सामने आई। उनके द्वारा प्रयोग शब्द हिंदुत्व को उद्वेलित करते दिखते हैं। हिंदू राष्ट्र की कल्पना को जब ‘बाबा’ ने आवाज दी तो लगा जैसे कुशल राजनीतिज्ञ अपने वोट बैंक को आवाज दे रहा है। निर्देश में एक कुशल रणनीति भी दिखी, जब पटना के तरेत पाली में जुटी आपार भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि ‘जिस दिन भगवा ध्वज और कपाल पर त्रिपुंडधारी बन कर आधी आबादी भी सड़कों पर दिखाई पड़ने लगे, उस दिन भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता।’

बिहार में बागेश्वर सरकार ने दिया ये बयान

इतना भर से ही नहीं, बिहार की धरती पर दर्शन को उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए बागेश्वर सरकार ने कहा कि ‘हिंदू राष्ट्र तभी बनेगा, जब माला और भाला साथ रहे।’ ऐसा नहीं कि इस तरह का बयान बागेश्वर सरकार ने पहली बार दिया है। ऐसे कई उत्तेजना से भरे बयान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहले भी कई बार दे चुके हैं। एक बार तो बागेश्वर बाबा ने हिंदुओं की एकजुटता का आह्वाहन करते हुए कहा कि ‘तुम एक हो जाओ और पत्थर फेंकने वालों के घर पर बुलडोजर चलवा दो। हम भी जल्द बुलडोजर खरीदने जा रहे हैं।’

साईं बाबा पर भी की थी टिप्पणी

बागेश्वर सरकार ने तो साईं बाबा को भी चांद मियां कह कर संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि ‘जब सनातनियों के पास 33 कोटि देवता हैं तो इन्हें अन्य के पूजने का कोई मतलब नहीं। गीदड़ की खाल पहन कर कोई शेर नहीं होता। संत-संत और भगवान-भगवान होता है।’ क्या इन आक्रामक बयानों को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आपको भी भाजपा के ब्रांड एम्बेसडर लगते हैं.

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