भोपाल। 31 मई को भारत के दौरे पर आ रहे नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड का भारत दौरा बेहद खास है. खास इसलिए है, क्योंकि इस दौरान एक कम्युनिस्ट विचारधारा के नेता महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं. नेपाल के पीएम का उज्जैन महाकाल दर्शन को पहुंचना नेपाल और भारत की टेम्पल डिप्लोमेसी के नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस टेम्पल डिप्लोमेसी के माध्यम से नेपाल और भारत की कल्चरल बॉन्डिंग को और मजबूती मिलेगी. पीएम मोदी ने भी नेपाल यात्रा के दौरान पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की थी. खास बात तो ये है कि दोनों देशों की बड़ी आबादी के आराध्य भगवान शंकर हैं.
नेपाल के पीएम का भारत दौरा खास
बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री के 31 मई से शुरु हो रहे भारत दौरे का अहम पड़ाव एमपी होगा. पुष्प कमल दहल इस दौरान उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए जाएंगे. उनकी यात्रा का अहम पड़ाव इंदौर भी है. देश के सबसे स्वच्छ शहर के दौरे के साथ नेपाल के पीएम प्रचंड ये जानेंगे कि इस शहर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के पीछे कौन सी रणनीति इस्तेमाल की गई है, लेकिन खास बात ये है कि पीएम पुष्प कमल का उज्जैन पहुंचकर महाकाल की पूजा अर्चना करना है. इसे भारत और नेपाल के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
विदेश मामलों के जानकार रॉबिन्द्र सचदेवा ने क्या कहा
वहीं विदेश मामलों के जानकार रॉबिन्द्र सचदेवा इस टेम्पल डिप्लोमेसी को नेपाल और भारत के रिश्तों की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हैं. सचदेवा के अनुसार नेपाल के पीएम का भारत के दौरे के दरमियान उज्जैन महाकाल के दर्शन के लिए जाना इसका वैश्विक जगत में बड़ा संदेश जाएगा. भारत-और नेपाल संस्कृति और पंरपरा से भी एक दूसरे जुड़े हुए हैं. तो हमें भी हर उस दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए, जिससे दोनों देश कनेक्ट हो सकें. नेपाल बेशक एक छोटा देश है लेकिन हमारी बार्डर से लगा हुआ है. अक्सर ये होता है कि बड़े भाई से छोटा भाई कुछ नाराज सा रहता है कि बड़ा भाई मेरी सुनता नहीं. भारत नेपाल के बीच भी कुछ ऐसा ही है. वैसे भी छोटे बड़े हर देश के रिश्ते में ये बात होती है, गिले शिकवे होते हैं, लेकिन इस तरह के प्रयास दो देशों के रिश्तों को मजबूत करने में बेहतर कदम साबित होते हैं. पीएम मोदी भी जब नेपाल के दौरे पर गए थे तो पशुपतिनाथ मंदिर में गए थे. अब उसी टेम्पल डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाने नेपाल के पीएम आ रहे हैं. इसे इस नजरिए से भी देखिए कि भारत का जो धार्मिक पर्यटन है, उसे इसकी वजह से कितना बढ़ावा मिलेगा.