भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की सीखो कमाओ योजना को पूर्व सीएम कमलनाथ ने गुमराह करने का कार्यक्रम बताया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के 5 महीने बचे हैं, अब युवा याद आ रहे, किसान याद आ रहे, बहनें याद आ रहीं, लेकिन 18 साल तक इनकी याद नहीं आई। सरकार अब मतदाताओं को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। बता दें कि मध्य प्रदेश कैबिनेट ने बुधवार को ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत ITI से लेकर हायर एजुकेशन तक कम्प्लीट कर चुके युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें 8 से 10 हजार रुपए हर महीने स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।
कमलनाथ ने सरकार पर साधा निशान
वहीं कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे यहां गवर्नेंस बाय डिफॉल्ट है। पंचायत से मंत्रालय तक भ्रष्टाचार मचा है। जाति प्रमाणपत्र हो या राशन कार्ड पैसे दे दो तो बन जाएगा। हमारी पंचायती राज संस्थाएं खतरे में हैं। शिक्षा में प्राइवेट वालों को प्राथमिकता दी जा रही है, सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। बिजली के खंभों पर तार नहीं हैं और तार हैं, तो बिजली नहीं है। 3 लाख 30 हजार करोड़ रुपए का कर्जा मध्य प्रदेश पर लाद दिया गया। इसका ब्याज चुकाने के लिए और कर्ज लिया जा रहा है। हमारे अतिथि शिक्षक, संविदा शिक्षक, आशा, उषा कार्यकर्ता, सब परेशान हैं।
कमलनाथ- हम ला सकते हैं परिवर्तन
कमलनाथ ने आगे कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था। अतिवृष्टि हुई तो मैं नीमच, मंदसौर गया। शाम को जब वापस लौटा, तो अधिकारियों को बुलाया और कहा कि मैं देख कर आया हूं। अधिकारी बोले कि पटवारी और तहसीलदार को सर्वे में लगाएंगे। मैंने उनसे कहा कि सर्वे तो मैं करके आया हूं। 1 हफ्ते के अंदर पीड़ितों को मुआवजा मिल जाना चाहिए, वरना मैं आपके ऑफिस में ताला डाल दूंगा। ऐसे में मुआवजा किसानों को मिल गया। इस तरह हम परिवर्तन ला सकते हैं। लेकिन, शिवराज सिंह उस समय इतनी घोषणाएं कर रहे हैं, जब चुनाव के 5 महीने बचे हैं। बता दें कि पूर्व सीएम कमलनाथ ने 17 मई यानी बुधवार को भोपाल के गाँधी भवन में भारत जोड़ो अभियान के राज्य स्तरीय सम्मलेन में यह बात कही.