Friday, September 20, 2024

MP News: चुनावी साल में सीएम शिवराज के सामने बड़ी चुनौती ! सरकारी कर्मचारी कर रहे ये मांग

भोपाल. मध्य प्रदेश में चुनावी साल है और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ेगी या वही रहेगी, इसे लेकर पूरे प्रदेश में चर्चाओं का बाजार गर्म है. साथ ही मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भी इसे लेकर पसोपेश में है कि कर्मचारियों की उम्र 62 से बढ़ाकर 63 साल की जाए या नहीं. विधासनभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार कर्मचारियों को साधने में जुटी है. इसी के तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र एक साल बढ़ाने की तैयारी भी की गई थी, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने शिवराज कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन फिलहाल उस पर कैबिनेट कोई निर्णय नहीं ले पाया है.

अभी रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष

कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को एक साल बढ़ाए जाने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग ने फरवरी में ही मुख्यमंत्री के पास भेज दिया था. बता दें कि अभी मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष है. जिसे बढ़ाकर 63 साल करने का प्लान है. पिछले विधानसभा चुनाव में रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाकर 60 से 62 साल किया गया था. सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि अगर उम्र बढ़ा दी गई तो फिर नई भर्तियां कैसे करेंगे, क्योंकि लोग रिटायर ही नहीं होंगे तो पद खाली कैसे होंगे.

1998 में भी बढ़ी थी रिटायरमेंट उम्र

इससे पहले 1998 में भी दिग्विजय सिंह सरकार ने 58 साल की रिटायरमेंट उम्र को 60 साल किया था. हालांकि इस बार राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि रिटायरमेंट की उम्र को 65 साल किया जाए, लेकिन इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनी.

घट रही रिटायर कर्मचारियों की संख्या

सरकारी कर्मचारी लगातार रिटायर हो रहे हैं. हालांकि पिछले पांच सालों में ये संख्या घट रही है. पहले ये संख्या 7 लाख के करीब थी. आज यह संख्या करीब सवा चार लाख के आसपास है. अनुमान के मुताबिक अगले तीन साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब ढाई लाख है. ऐसे में दफ्तरों में करीब 2 लाख से भी कम कर्मचारी ही रह जाएंगे. अगले 4 साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या लाखों में है. रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के दौरान दी जाने वाली राशि के रूप में लगभग 85 हजार करोड़ रुपये की जरूरत भी होगी.

रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की उठ रही मांग

चुनावी साल में प्रदेश के कर्मचारी संगठन अलग-अलग तरह की मांगे कर रहे हैं, जिन्हें पदोन्नति, भत्ते, वेतन निर्धारण, संविलियन, पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगे शामिल हैं. इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों का एक वर्ग ऐसा है, जो रिटायरमेंट की उम्र में इजाफा कराने की मांग कर रहा है. सरकार ने पांच साल पहले 2018 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 साल करने का फैसला किया था, जिसका फायदा प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी एवं अधिकारियों को मिला है. अगर सरकार इस बार भी रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाती है तो करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों को फिर से इसका फायदा मिलेगा.

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