भोपाल. मध्यप्रदेश में लगभग 100 दिन बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसको लेकर राजनैतिक पार्टियां पूरे दम-खम के साथ तैयारी में लगी हुई हैं. चुनावी साल में कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रही है. इसी को लेकर लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन हो रहे हैं. जिसको लेकर कई तरह के आयोजन किए जा रहे हैं. जिसमें रूद्राभिषेक, नर्मदा सेवा यात्रा और कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा भी शामिल है.
बीजेपी की कितनी बढ़ेगी मुश्किलें?
कांग्रेस द्वारा लगातार किए जा रहे इन आयोजनों से बीजेपी की मुश्किलें कितनी बढ़ सकती हैं ये तो आने वाला विधानसभा चुनाव ही बताएगा, लेकिन इसके इतर बीजेपी कांग्रेस के इन आयोजनों को चुनावी स्टंट बता रही है. तो वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि इन आयोजनों से बीजेपी के पेट में क्यों दर्द हो रहा है. हमें जिनका भी समय मिलेगा उनका आयोजन कराएंगे.
कथा का समय
इस कथा का आयोजन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे सांसद नकुलनाथ के सौजन्य से किया जा रहा है. कथा का वाचन बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री करेंगे. तीन दिवसीय दिव्य कथा का आयोजन 5 अगस्त से 7 अगस्त तक छिंदवाड़ा के सिमरिया में किया जा रहा है. यहां एक लाख से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक बड़ा पंडाल बनाया गया है. कथा के लिए 25 एकड़ जमीन किराए पर ली गई है. कथा में शामिल होने के लिए देश भर से लोग आ रहे हैं. आज बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा का शुभारंभ होगा, 6 अगस्त को पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा दिव्य दरबार लगाया जाएगा. जबकि 7 अगस्त को कथा का समापन होगा.
क्या कथा से होगा कांग्रेस को फायदा
खुद को हनुमान भक्त कहने वाले कमलनाथ के गढ़ में आज धीरेंद्र शास्त्री की कथा शुरू होने जा रही है. कांग्रेस इस राम कथा के जरिए अपनी सॉफ्ट हिदुत्व वाली छवि पर बड़ा इम्पैक्ट क्रिएट करना चाहेगी. चुनावी साल में खुद को बड़ा हिंदू साबित करने का दौर भी लगातार चल ही रहा है. बागेश्वर धाम की कथा से कांग्रेस को क्या माइलेज मिलेगा ये तो कोई नहीं बता सकता लेकिन 3 दिन तक इस कथा के साथ सियासी कथा जारी रहेगी. इसके लिए सूबे के कई कांग्रेसी विधायकों का डेरा इस समय छिंदवाड़ा में बना हुआ है. जो पूरे कार्यक्रम की तैयारियों की देखरेख कर रहे हैं.
नरोत्तम मिश्रा ने साधा निशाना
वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा समय-समय पर कांग्रेस और उसकी हिंदूवादी छवि पर निशाना साधते रहते हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पर हमला करते हुये कहा कि कांग्रेसियों को चुनाव के समय ही भगवान की याद आती है. उनकी जब मर्जी होती है वो हिन्दू बन जाते हैं, मंदिरों की परिक्रमा करने लगते हैं. कांग्रेसी इच्छाधारी हिन्दू हैं, अगर वो वाकई सनातन का सम्मान करते हैं तो उन्होंने चार साल तक कथा और पूजा-पाठ क्यों नहीं कराया?