भोपाल. मध्य प्रदेश में मानसूनी बारिश पर लगा ब्रेक बरकरार है, जिससे गर्मी बढ़ने के साथ-साथ कई जगहों पर फसलों में नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ गई है. मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में दूसरा सप्ताह भी सूखे के रूप में निकलने की उम्मीद है. इसके पीछे की मुख्य वजह कोई नए सिस्टम का नहीं बनना और पुराने सिस्टम का सक्रिय नहीं होना बताया जा रहा है. हालांकि प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है, लेकिन कहीं भी तेज बारिश के आसार नहीं बन रहे है.
मौसम विभाग ने दी जानकारी
मौसम विभाग ने बारिश न होने की स्थिति में गर्मी बढ़ने के साथ ही खेतों में लगी सोयाबीन और दलहनी जैसी फसलों को नुकसान पहुंचने की बात कही है. साथ ही धान की फसलों में भी सिंचाई की जरूरत पड़ सकती है. बारिश की गतिविधियों में आई कमी का मुख्य कारण किसी भी नए सिस्टम का नहीं बनना बताया गया. साथ ही कोई लोकल सिस्टम में भी सक्रियता देखने को नहीं मिली है. आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश के कुछ जिले सूखे की मार भी झेल सकते है.
ये है मौसम बदलने का कारण
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून ट्रफ लाइन के चलते ऐसी स्थिति पैदा हुई है, जिससे मौसम में इस प्रकार बदलाव देखने को मिला है. मध्य भारत में मानसून की गतिविधियों में गिरावट देखने को मिली है, जिसके कारण मौसम शुष्क बना हुआ है. सिर्फ कुछ जिलों को छोड़ दिया जाए तो कहीं भी बारिश नहीं हुई है, जिससे तापमान में भी वृद्धि होने की संभावना है. अगले कुछ दिनों तक मौसम के ऐसे ही बने रहने की संभावना है.
इन जिलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना
मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी के आसार जताए हैं. राजधानी भोपाल में सुबह हल्की बूंदाबांदी का दौर देखने को मिला जो कि कुछ समय बाद रूक गया. इसके अलावा सीधी और मलाजखंड में भी हल्की बूंदाबांदी हुई. साथ ही इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और नर्मदापुरम संभाग में मौसम ऐसा ही बना हुआ है, जिससे बादल छाए रहने के साथ गर्मी बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि किसी भी जिले में तेज बारिश नहीं देखने को मिली.